Saturday, May 10, 2008

कीमतों का बढ़ना ..........

(आज सुबह जब उठा तो लगभग सभी पेपरों का पहला पन्ना महंगाई को समर्पित मिली सरकार के अपने ही कई दिक्कते सताए जा रही है , और मीडिया वाले महंगाई के ही पीछे पड़ें हैं .............)
जनता उन्ही चीजों के प्रति ज्यादा संवेदनशील होती है जिससे उसका सीधा नुकसान होता है, महंगाई तो सीधे उसके जेब पर हमला करती है , इस भौतिकवादी संसार मे जेब पर हमला कितना खतरनाक हो सकता है इसे आप भी जानते हैं , हम भी जानतें हैं और सरकार भी जानती है ......... । इसीलिए सरकार की नींद उडी है कि मई मे चुनाव होने हैं और महंगाई की मेल नॉन-स्टॉप बढ़ती ही चली जा रही है ।
अब तक सरकार ने छः हजार करोड़ से ज्यादा रूपए महंगाई रोकने पर खर्च कर चुकी है , यह महंगाई रोकने मे तो नही किंतु महंगाई बढ़ाने मे जरूर सफल हुई होगी , क्योंकि ऐ पैसे गैर उत्पादक ढंग से मुद्रा की पूर्ति अर्थव्यवस्था मे बढाते हैं ।
अभी सरकार को चुनाव के मद्देनज़र कई काम करने हैं , और उन्ही कामो मे से एक है छठे वेतन आयोग कि सिफारिशों को लागू करना , जो आग मे घी का काम कर सकता है सरकार एक उचित अवसर की ताड़ मे बैठी है । फिलहाल इस स्थिति मे सरकार वेतन बढ़ाने से रही ।

भारत मे इस समय इन्फ्लेशन की नही अपितु स्तैग्फ्लेशन की स्थिति बनती जा रही है । जो आगे चल कर और भी स्पष्ट होगी । क्योंकि पिछले वित्त वर्ष के अन्तिम क्वार्टर के परिणाम मंदी के संकेत दे रहे हैं और यदि वास्तव मे मंदी के साथ कीमतों मे वृद्धि जरी रहेगी तो यह केन्द्र सरकार के लिए खतरे की घंटी साबित होगी ।

अगले अंक मे ..... इसके लिए कौन जिम्मेदार?

कीमतों का बढ़ना और कांग्रेस की वापसी मे कोई ट्रेड-आफ सम्बन्ध है -

महंगाई किसी भी सरकार के लिए जी का जंजाल है । कीमतें गिरती हैं तो जनता-भी खुश और सरकार भी खुश । इसीलिए सरकार हर हफ्ते मुद्रा स्फीति के आंकडे प्रस्तुत करती रहती है । लेकिन लोंगो को पता नही क्यों इन आंकडों पर विश्वास नही होता । उनको लगता है कि जिस सरपट गति से कीमतें बढ़ रही है उस गति से तथाकथित मुद्रास्फीति नही बढ़ रही है , जानता का क्या ? वह तो सरकार के आकडो को एक सरकारी पैतेरे बजी से अधिक कुछ भी नही समझती । सब्जी का दाम बढ़ रहा है , दाल,चीनी,तेल इत्यादी का दाम बढ़ रहा है तो महंगाई बढ़ रही है , अब मुद्रास्फीति बढे या न बढे इससे जानता का कोई सरोकार नही है । उसे तो सिर्फ़ इतना मालूम है कि महंगाई बढ़ रही है ...........................................क्रमशः